Tuesday, October 6, 2009

टीम इंडिया कुछ करो.....

अभी हल ही में दक्षि ा अफ्रीका में स पान हुईं चैंपियंस ट्राफी में भारत के युवा खिलाडिय़ों के प्रदर्शन निराश जानक रहे। कप्तान धौनी की ही बात करे तो वह कोई भी पारी जीताऊ पारी नहीं खेली। जब कि जिन खिलाडिय़ों के लिए टीम की कमजोर कड़ी माना जा रहा था वे टीम की मजबूत कड़ी बना कर उभारे। इस टीम इंडिया के कप्तान को दुसरे कप्तानों से सीख लेनी चाहिए। आप आस्टे्रलिया, यूजीलैंड के कप्तान अपनी टीम के लिए जीताऊ पारी खेलते हैं लेकिन भारतीय कप्तान महे द्र सिंह धौनी का तो भगवान के भरोसे......।भारतीय टीम की गेंदबाजी और ब े बाजी दोनों ही लचर हैं कुछ सीनियर खिलाडिय़ों को छोड़कर कोई भी खिलाड़ी का प्रदर्शन स मानजान नहीं रहा हैं। आज भारत के सभी सीनियर खिलाडिय़ों के निशाने पर है टीम इंडिया के खिलाड़ी और कप्तान। भारती टीम अब शेन न होकर कागज के बना गये हैं। पाकिस्तान के तेज गेंदबाज बसीम अकरम ने तो टीम इंडिया को निरास और उदसीन की सां ा दे दी हैं ,उनका कहना भी सहीं हैं योंकि जब एक गेंदबाज पीटता हैं तो उसका कप्तान उसे प्रेरित करता हैं लेकिन भारतीय कप्तान धौनी तो कुछ कर ही नहीं रहे थे। खडे-खडे दर्शकों केे भांति देख रहे थे और भारतीय गेंदबाज अपनी लाय ही भूल गये थे। यही हाल पाक के साथ -साथ आस्टे्रलिया के मैच में भी दिखा। इस ट्राफी में भारत को युवा ब ेबाज और गेंदबाज युवराज सिंह की कमी खली। बीसीसीआई इस टीम को वल्र्ड कप के लिए तैयार कर रही हैं लेकिन यह टीम तो सुपर सि स में भी नहीं पहुंच सकती हैं। भारतीय टीम को अभी और मेहनता करनी हैं तथा अपनी ब ेबाजी और गेंदबाजी में सुधार करनी होगी। नहीं तो उनका भगवान हीं मलिक हैं।