Sunday, December 6, 2009

अब तक सर्व ोष्ठ भारतीय टीम


भारत के करोड़ों स ार्थको और भारतीय टीम के लिए 6 दिसंबर बहुत ही खास हैं योंकि मुंबई के ब्रोबोर्न स्टेडियम में रविवार की सुबह करीब 10.30 बजे जैसे ही धोनी ने मुरलीधरन को हरभजन की गेंद पर लपका, टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में एक नया पन्ना दर्ज हुआ। टीम इंडिया पहली बार आईसीसी रैंकिंग में नंबर वन पायदान पर पहुंची है। टेस्ट क्रिकेट में कई दशकों के सं ार्ष के बाद भारतीय टीम नंबर वन की कुर्सी तक पहुंच पाई है। भारतीय टीम की इस सफलता से पूरे देश में जोश-ओ-खरोश का माहौल है। पिछले दो साल पहले तक यह किसी ने नहीं सोचा था कि भारत इतनी जल्दी टेस्ट क्रिकेट का बादशाह बन सकता है। हालांकि यह सौरभ गांगुली की कप्तानी के समय से ही था, जब इंडियन क्रिकेट ने ऑस्ट्रेलियाई बादशाहत को चुनौती देनी शुरू कर दिया था। गांगुली ने ही स्टीव वॉ की कप्तानी में लगातार 16 टेस्ट जीतकर इंडिया के टूर पर आए कंगारुओं को 17वीं जीत से रोका था और लास्ट फ्रंटियर को लास्ट ही बनाए रखा था। लेकिन महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी भारतीय क्रिकेट को अब एक कदम और आगे ले आई है। मास्टर लास्टर सचिन ने टीम अब तक की सर्व ोष्ठï टीम बताते हुए कहा कि नंबर एक की टेस्ट टीम बनना एक अद्भुत अनुभव है। हम इस मुकाम को हासिल करने के लिए लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। उ होंने इस मैच में 53 रनों की पारी खेली थी। मेरा मानना है कि गैरी क्रिस्टन एवं पैडी उ टन और साथ ही रॉबिन सिंह व वेंकटेश प्रसाद ने मह वर्पू ा भूमिका निभाई। जिस तरह इ होंने टीम के साथ काम किया उसका ोय इनको जाता है। उ होंने कहा कि यह अब तक सर्व ोष्ठ भारतीय टीमों में से एक है। इस मौके पर भी सचिन ने अपने पुरानी साथियों को नहीं भूला और उ हें भी उसका ोय दिया। बीसीसीआई अ यक्ष समेत सभी मह वर्पू ा लोगों ने टीम की इस सफलता को अद्भुत करार दिया है। मुरलीधरन ने कहा कि भारत को आज इस जगह होने का पूरा हक है। भारत को टेस्ट क्रिकेट रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर ले जाने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा है कि टीम को नंबर वन बनाना उनके और अ य खिलाडिय़ों के लिए एक सपना था जो आज सच हो गया। क्रिकेट के वनडे और टेस्ट संस्कर ाों में टीम को शीर्ष तक ले जाने वाले कप्तान धोनी ने माना कि उनकी टीम के लिए इस स्थान पर बने रहना मुश्किल होगा। इसका एक कार ा है कि भारत अगले छह महीनों में केवल दो टेस्ट मैच खेलेगा। उ होंने कहा कि शीर्ष पर पहुंचने की उपल िध उन पर अतिरिक्त दबाव नहीं डाल रही है। तीसरे टेस्ट में नाबाद शतक जडऩे वाले धोनी ने कहा कि हम सिर्फ इतना कर सकते हैं कि आने वाले हर मैच में बेहतरी से खेलें। रैंकिंग में इन बातों का यान रखा जाता है। यहां तक पहुंचना भी 18 महीनों के सतत प्रयास से हुआ है। हमने जितना भी टेस्ट क्रिकेट खेला, अच्छे से खेला। धोनी ने भारत के कम टेस्ट मैच खेलने से नाराजगी जताते हुए कहा कि छह महीनों में केवल दो टेस्ट होना चिंता का विषय है। हालांकि उ होंने कहा कि इस समय टीम केवल उपल िध का जश्न मनाएगी। उ होंने पिछले कुछ महीनों के दौरान खिलाडिय़ों के फिट रहने पर संतोष जताया। उ होंने कहाकि टीम में मह वर्पू ा खिलाडिय़ों को हाल में कोई गंभीर चोट नहीं आई। हम सर्व ोष्ठ उपल ध टीम के साथ खेले। यह सभी खिलाडिय़ों के कठिन परि ाम का नतीजा है।
कब तक नंबर वन रह पाएगी टीम इंडिया! लेकिन टीम इंडिया शायद ज्यादा देर तक नंबर वन के खिताब पर काबिज नहीं रह पाएगी। ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका रैंकिंग में भले ही पिछड़ गए हों, लेकिन पॉइंट्स के मामले में वे बहुत ज्यादा पीछे नहीं हैं। भारत के इस वक्त 124 पॉइंट्स हैं। साउथ अफ्रीका 122 पॉइंट्स के साथ दूसरे नंबर पर है, यानी भारत से सिर्फ 2 पॉइंट्स पीछे। उधर ऑस्ट्रेलिया भी 116 पॉइंट्स के साथ लगातार पीछा कर रही है। साउथ अफ्रीका को जल्दी ही इं लैंड के साथ टेस्ट सीरीज खेलनी है। इस सीरीज में जीत के साथ ही वह नंबर वन पर दोबारा काबिज हो जाएगी। भारत के साथ एक और बड़ी मुश्किल यह भी है कि उसे अगले एक साल में और देशों के मुकाबले काफी कम टेस्ट मैच खेलने हैं। यानी नंबर वन की कुर्सी पर लौटने और बने रहने के लिए उसे ज्यादा मौका भी नहीं मिल पाएगा। हालांकि इस वक्त पर न तो टीम के खिलाड़ी और न ही भारतीय फै स इस बात को सोचकर उदास होना चाहते हैं। भारतीय टीम पहली बार नंबर वन बनी है, यही सबसे बड़ी बात है। और कम से कम अगले दो ह ते तक तो यह खिताब कहीं नहीं जानेवाला। भारत ने ऑस्टेलिया को 2-0 से मात देने के बाद अभी तक एक भी सीरीज नहीं हारी और लगतार भारत का प्रदर्शन में सुधार हुआ हैं। इस से लगता हैं कि भारत अगला वल्र्ड कप लेकर आएगी।

Thursday, November 26, 2009

फिर भी नहीं थमता है ............

पिछले साल २६ नवंबर को १० आतंकियों ने मुंबई के अलग-अलग हिस्सों में हमला बोल दिया था, जिसमें १६६ लोग मारे गए लेकिन इसके बावजूद जीवन का प्रवाह कहां थमता है। यही दिख रहा है २६/११ की पहली बरसी पर जब आज के दिन मुंबई में जनजीवन सामा य रूप से चल रहा है। गुरुवार सुबह अ य दिनों की तरह ही बसों और लोकल ट्रेनों में भीड़ देखी गई। आतंकी हमलों की पहली बरसी के मद्देनजर मुंबई में सुरक्षा के पु ता इंतजाम किए गए हैं। साथ ही इस मौके पर देशभर में आज आतंकियों से लडऩे वाले जवानों के साहस को सलाम किया जा रहा है और उनकी याद में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन लोगों की याद में कई जगह मोमब िायां जलाई जाएंगी। देश की राजधानी दिल्ली में रूस, किर्गिजिस्तान, मलेशिया, मिस् ा, यूजीलैंड और कई अ य देशों के युवा हिस्सा लेंगे और मोमब ाी जलाकर मृतकों के प्रति ाद्धांजलि अर्पित करेंगे। उड़ीसा के मशहूर कलाकार सुदर्शन पटनायक ने रेत के जरिए कलाकृति बनाकर ाद्धांजलि दी है। पटनायक ने रेत के जरिए मुंबई के ताज होटल की मूर्ति बनाई है, जिसमें लिखा है- आतंकवाद रोकें। रेत की यह होटलनुमा मूर्ति सात फुट लंबी है। मुंबई के चौपाटी, हाजी अली, प्रभादेवी, वर्ली, बांद्रा, जोगोश्वरी और मुंबई हवाईअड्डे जैसे स्थलों पर विशेष रूप से सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। आतंकी हमलों में मारे गए लोगों की याद में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। कुछ निजी और सरकारी कार्यालयों में मृतकों की याद में दो मिनट का मौन भी रखा गया। उल्लेखनीय है कि पिछले साल २६ नवंबर को १० आतंकियों ने मुंबई के अलग-अलग हिस्सों में हमला बोल दिया था, जिसमें १६६ लोग मारे गए थे। सुरक्षा बलों की ६० ांटे की कार्रवाई में नौ आतंकी मारे गए थे। सुरक्षा बलों ने मोह मद अजमल आमिर कसाब नाम के एक आतंकी को जिंदा पकड़ा, जो अभी जेल में है।

Sunday, November 22, 2009

कब बंद होगा सचिन का अपमान........!

सचिन एक ऐसा नाम जिसे किसी भी पहचान की आवश्कता नहीं हैं ........ सचिन विवादों से दूर रहने वाला एक खिलाड़ी हैं लेकिन आज उसे उसी के देश में बदनाम किया जा रहा हैं। उस के एक बयान पर कि वह पहले भारतीय हैं फिर महाराष्टï्रीय । इस बयान पर बाल ठाकरे ने अपने समाचार प ा में सचिन पर निशाना साधा और उ हें नसीहत दे डाली। शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे ने सचिन की तुलान सुनीज गावस्कर से करते हुए कहा कि वे स"ो महाराष्टिï्रयन हैं ऐसे बयान से बाल ठाकरे फिर जनता के दिल में अपनी जगह बनाने की सोच रहे हैं लेकिन ऐसा नहीं होगा। किसी की बुराई करने से ,किसी के दिल में जगह नहीं बनाती हैं।ऐसे मेें जहां सरकार सचिन का स मान कर रहीं हैं वही दूसरी ओर शिवसेना उनका अपमान कर रहीं हैं। सरकार को इस के लिए उचित कदम उठान पड़ेगा। योंकि किसी भी स िमानित व्यक्ति के खिलाफ कुछ बोलने से पहले हर वर्ग सोचे। जैसे राज ठाकरे ने हि दी भाषियो का विरोध किया और संविधान का विरोध किया। जिससे राज ठाकरे और बाल ठाकरे की कभी अलोचान हुई हैं। इनकी अलोचना न केवल राजनीति बल्कि सभी वर्ग के लोगों ने की है। सचिन तेंदुलकर पर हमला जारी रखते हुए शिवसेना ने रविवार को उनकी तुलना सुनील गावस्कर से करते हुए कहा कि गावस्कर सच्चे महाराष्टिï्रयन हैं। इसके पहले पार्टी सुप्रीमो बाल ठाकरे ने 36 वर्षीय क्रिकेटर की उनकी मुंबई फॉर ऑल टि प ाी के लिए आलोचना की थी। सचिन पर ताजा हमला पार्टी के मुखप ा सामना में एक आलेख में सांसद संजय राउत ने किया है। तेंदुलकर की गावस्कर के साथ तुलना करते हुए राउत ने आरोप लगाया कि ऐसा कोई उदाहर ा नहीं है जब सचिन ने अ य मराठी क्रिकेटरों की ओर मदद का हाथ बढ़ाया हो। अ य की बात तो दूर उ होंने विनोद कांबली का भी समर्थन नहीं किया। बतौर क्रिकेटर तेंदुलकर की महानता स्वीकार करते हुए राउत ने कहा कि दूसरी ओर गावस्कर जब भारतीय टीम के कप्तान थे, आधी टीम मुंबई और महाराष्टï्र से थी। उ होंने कई मराठी खिलाडियों को टेस्ट कैप का दर्जा दिलाया। आलेख में दावा किया गया है कि इस संदर्भ में गावस्कर सच्चे महाराष्टिï्रयन हैं और पूरा देश उ हें अब भी यार करता है। इसमें कहा गया है कि सचिन जैसे खिलाड़ी क्रिकेट के खेल के कार ा अमीर हुए हैं। सचिन की संप िा 200 करोड़ रुपये से अधिक की है। हम उ मीद करते हैं कि सचिन को महाराष्टï्र का होने पर वैसा ही गर्व होना चाहिए जैसा सौरव गांगुली को बंगाल से है। राउत ने कहा कि राहुल द्रविड़ भी मराठी खिलाड़ी हैं लेकिन उनकी निष्ठा कर्नाटक के साथ है। इसके पहले 16 नवंबर को बाल ठाकरे ने सचिन के खिलाफ टि प ाी की थी जिसकी बीसीसीआई के अलावा कई राजनेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। ठाकरे ने कहा था कि तेंदुलकर ने अपनी टि प ाी के जरिए क्रीज छोड़ दी है और राजनीति की पिच पर आ गए हैं। और इससे मराठी भावना को ठेस लगी है। उसके पहले तेंदुलकर ने कहा था कि मैं महाराष्टिï्रयन हूं और मुझे इसका काफी गर्व है। लेकिन मैं पहले भारतीय हूं। और मुंबई सभी भारतीयों का है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने लिखा है कि सचिन क्रिकेटर के तौर पर बड़े हैं लेकिन वो महाराष्ट्र से बड़े नहीं हैं। सचिन के चौकों और छक्कों की वजह से महाराष्ट्र को मुंबई नहीं मिली। संजय राउत ने यहां तक लिखा है कि सचिन के खेल का मराठी अस्मिता से कुछ भी लेना-देना नहीं है। सचिन सिर्फ इसलिए प्रसिद्ध हैं योंकि वो क्रिकेटर हैं। वो कोई यागमूर्ति नहीं है और इस बात पर कोई यान नहीं देता। आगे लेख में कहा गया है कि सचिन ने 17 हजार रन बनाए इसलिए वो महान खिलाड़ी हो गए लेकिन शिवसेना प्रमुख बाला साहब ठाकरे ने भी 8 करोड़ जनता को लडऩे की ताकत दी। कम से कम 17 लाख लोगों को रोजगार दिया होगा। रन बनाना और पेट की आग बुझाने में फर्क है। यानी साफ है कि एक बार फिर सचिन का नाम लेकर शिवसेना अपनी राजनीति चमकाने के चक्कर में है।

Monday, November 9, 2009

राज ठाकरे पर कार्रवाई हो...................

महाराष्ट्र विधानसभा में अबु आजमी के हि द्री में शपत लेने पर उनको ापर मारने की हरकत से एक नए विवाद खड़ा कर दिया है। इस पहले भी मनसे कार्यकर्ता हि द्री भाषी लोगों के खिलाफ थे अब तो उ हेें ने तो हद ही कर दी। मैं उनसे यह पूछाता हूं महाराष्टï्र कहा हैं या वह भारत में नहीं या वह भारतीय नहीं हैं। अगर वह भारतीय नहीं तो उ हें भारत में रहने का कोई अधिकार नहीं ,अगर वह भारतीय हैं तो उ हें हि द्री भाषी लोगों का स मान करना होगा। हि द्री भाषी हो या अ य भाषा के लोग स ाी का स मान करना होगा। ाारत हमार अनेकताओं में एक हैं यह सभी प्रकार के भाषा और जाति के लोग रहते हैं इस लिए इस हिदु तान करते हैं। लेकिन राज ठाकरे इस बात को भुला गया हैं। इस लिए वे इस प्रकार की हरकत कर रहे हैं। उ हें लगता है कि वे भूल गया हैं कि मराठी लोगों की सं य में हि द्री भाषी लोगों की सं या यादा हैं। इस हरकत से (इस मैटर में नवभारत टाइ स से कुछ पक्तियां ली गई हैं) उनकी बहू और मशहूर बॉलिवुड ऐ िट्रस आयशा टाकिया बेहद खफा हैं। आयशा ने राज ठाकरे और उनके विधायकों पर जमकर भड़ास निकाली। आयशा ने कहा कि मनसे की इस हरकत के खिलाफ सभी को एकजुट होकर राज और उनके आदमियों को 'लात मारकरÓ बाहर निकाल देना चाहिए। आयशा ने कहा, विधानसभा में हिंदी में शपथ लेने पर अबु आजमी के साथ राज ठाकरे और उनके आदमियों की हरकत से वह सकते में हैं। जहां इस तरह के गुंडों को मनमर्जी करने की छूट हो, वहां हम अपने को महफूज़ कैसे महसूस कर सकते हैं? उ होंने कहा कि हम मुंबई से यार करते हैं। फिर चाहे हम इसे मुंबई कहें या बॉ बे, इससे या फर्क पड़ता है? मेरे दादा जी मराठी थे, जबकि मेरी दादी ब्रिटिश थीं। मेरे पिताजी गुजराती और मेरे पति मुस्लिम हैं। मुझे समझ नहीं आता कि भाषा के आधार पर लोगों को यों बांटा जा रहा है? आयशा ने कहा कि एक जि मेदार नागरिक के नाते मैं मु यमं ाी से गुजारिश करती हूं कि वह राज के खिलाफ ऐ शन लें। हमारे बाकी नेताओं और सीएम को इसके खिलाफ एकजुट होना चाहिए। और राज और मनसे को 'लात मारकरÓ बाहर कर देना चाहिए। यदि ऐ शन नहीं लिया जाता, तो इस तरह की हरकत फिर हो सकती ह

विवाहित पुरुषों को पसंद करती हैं बॉलीवुड अभिने िायां!


आज वॉलीवुड अभिने िायों या किसी भी सेलीब्रिटी को इस बात का अहसास होता हैं कि जब तक उसका कैरियर ऊंचाई पर होता है तब तक तो ठीक ही हैं लेकिन जब नहीं तो...................और अभिने िायों के लिए एक सहारे की आवश्कता होती हैं इसलिए वो विवाहित पुरुषों को पसंद करती हैं। एक मामला आज का नहीं कई सालों का चाहे वह हेमा मालिनी , ाीदेवी या रवीना टंडन हो या आज की अभिने ाी करीना कपूर या करिशम कपूर ! लंदन के कारोबारी राज कुंद्रा के साथ इस महीने विवाह के अटूट बंधन में बंधने जा रहीं अभिने ाी शिल्पा शेट्टी बॉलीवुड की उन अदाकाराओं में शुमार होने जा रही हैं, जि होंने विवाहित पुरुषों से प्रेम किया और फिर शादी की। हेमा मालिनी, ाीदेवी और रवीना टंडन जैसी अभिने िायों ने भी ऐसा ही किया था। दो साल पहले अंतर्राष्टï्रीय रियलिटी शो 'सेलीब्रिटी बिग ब्रदरÓ में जीत हासिल कर ब्रिटेन में प्रसिद्ध हो चुकी शिल्पा की इसके कुछ ही समय बाद ही 34 वर्षीय करोड़पति कुंद्रा से मुलाकात हो गई थी। अब वह कुंद्रा से विवाह करने ज रही हैं। कुंद्रा शिल्पा से मुलाकात से पहले ही अपनी पत्नी से अलग हो चुके थे लेकिन उनकी पूर्व पत्नी ने सार्वजनिक तौर पर शिल्पा को उनकी शादी तोडऩे का दोषी करार दिया है। हालांकि शिल्पा का कहना है कि उन दोनों के आधिकारिक तौर पर अलग हो जाने के बाद ही उ होंने कुंद्रा से मिलना-जुलना शुरू किया था। वेबसाइट 'डेली मेलÓ के मुताबिक शिल्पा का कहना है, ''ईमानदारी से कहूं तो मैं पहले दिन से ही राज को पसंद करती थी लेकिन मैं इस बात से इंकार करती थी। मैंने उनके सामने स्पष्ट कर दिया था कि जब तक वह तलाक नहीं ले लेते, तब तक हमारा रिश्ता दोस्ती से आगे नहीं जा सकेगा।ÓÓ पहले भी कई फिल्म अभिने िायों को सफल शादीशुदा पुरुषों से प्रेम हुआ है। इनमें से कुछ पुरुष अपनी पत्नियों से अलग हो चुके थे तो कुछ उ हीं के साथ रह रहे थे। अपने समय के बहुचर्चित सितारे रहे धर्मेद्र ने प्रकाश कौर से शादी की थी। जिनसे उनके चार बच्चे दो बेटियां और बेटे सन्नी और बॉबी देओल थे। बॉलीवुड की 'ड्रीमगर्लÓ हेमा मालिनी को उनसे प्रेम हो गया था। धर्मेद्र ने इस्लाम धर्म कुबूल कर 1980 में हेमा से विवाह किया था। उनकी दो बेटियां ईशा और अहाना हैं। बॉलीवुड की पूर्व नर्तकी हेलन को भी विवाहित पटकथा लेखक सलीम खान से यार हो गया था। इसी तरह अभिने ाी ाीदेवी ने 1996 में दो बच्चों के पिता निर्माता बोनी कपूर से विवाह किया था। अभिने ाी शबाना आजमी ने जने-माने गीतकार जवेद अ तर से विवाह किया था। जबकि जवेद पहले ही पटकथा लेखिका हनी ईरानी से विवाह कर चुके थे। उनके पहली पत्नी से दो बच्चे फरहान और जोया हैं। करिश्मा कपूर, रवीना टंडन, महिमा चौधरी ने भी विवाहित पुरुषों को ही अपनाया है। अभिने ाी करीना कपूर भी इन दिनों अभिनेता सैफ अली खान के साथ समय गुजर रहीं हैं। सैफ तलाकशुदा हैं।

Thursday, November 5, 2009

भैंस चालीसा..अक्ल बङी या भैंस


भैंस चालीसा..अक्ल बङी या भैंस
महामूर्ख दरबार में, लगा अनोखा केस
फसा हुआ है मामला, अक्ल बङी या भैंस
अक्ल बङी या भैंस, दलीलें बहुत सी आयीं
महामूर्ख दरबार की अब, देखो सुनवाई
मंगल भवन अमंगल हारी-

भैंस सदा ही अक्ल पे भारी
भैंस मेरी जब चर आये चारा-

पाँच सेर हम दूध निकारा
कोई अकल ना यह कर पावे-

चारा खा कर दूध बनावे
अक्ल ाास जब चरने जाये-

हार जाय नर अति दुख पाये
भैंस का चारा लालू खायो-

निज ारवारि सी.एम. बनवायो
तुमहू भैंस का चारा खाओ-

बीवी को सी.एम.बनवाओ
मोटी अकल म दमति होई-

मोटी भैंस दूध अति होई
अकल इश्क़ कर कर के रोये-

भैंस का कोई बाँयफे्र ड ना होये
अकल तो ले मोबाइल ाूमे-

एस.एम.एस. पापा के झूमे
भैंस मेरी डायरे ट पुकारे-

कबहूँ मिस्ड कालना मारे
भैंस कभी सिगरेट ना पीती-

भैंस बिना दारू के जीती
भैंस कभी ना पान चबाये -

ना ही इसको ड्र स सुहाये
शक्तिशालिनी शाकाहारी-

भैंस हमारी कितनी यारी
अकलम द को कोई ना जाने-

भैंस को सारा जग पहचाने
जाकी अकल मे गोबर होये-

सो इ सान पटक सर रोये
मंगल भवन अमंगल हारी-

भैंस का गोबर अकल पे भारी
भैंस मरे तो बनते जूते-

अकल मरे तो पङते जूते
So now you can decide
अ ल बङी या भैंस

Tuesday, October 6, 2009

टीम इंडिया कुछ करो.....

अभी हल ही में दक्षि ा अफ्रीका में स पान हुईं चैंपियंस ट्राफी में भारत के युवा खिलाडिय़ों के प्रदर्शन निराश जानक रहे। कप्तान धौनी की ही बात करे तो वह कोई भी पारी जीताऊ पारी नहीं खेली। जब कि जिन खिलाडिय़ों के लिए टीम की कमजोर कड़ी माना जा रहा था वे टीम की मजबूत कड़ी बना कर उभारे। इस टीम इंडिया के कप्तान को दुसरे कप्तानों से सीख लेनी चाहिए। आप आस्टे्रलिया, यूजीलैंड के कप्तान अपनी टीम के लिए जीताऊ पारी खेलते हैं लेकिन भारतीय कप्तान महे द्र सिंह धौनी का तो भगवान के भरोसे......।भारतीय टीम की गेंदबाजी और ब े बाजी दोनों ही लचर हैं कुछ सीनियर खिलाडिय़ों को छोड़कर कोई भी खिलाड़ी का प्रदर्शन स मानजान नहीं रहा हैं। आज भारत के सभी सीनियर खिलाडिय़ों के निशाने पर है टीम इंडिया के खिलाड़ी और कप्तान। भारती टीम अब शेन न होकर कागज के बना गये हैं। पाकिस्तान के तेज गेंदबाज बसीम अकरम ने तो टीम इंडिया को निरास और उदसीन की सां ा दे दी हैं ,उनका कहना भी सहीं हैं योंकि जब एक गेंदबाज पीटता हैं तो उसका कप्तान उसे प्रेरित करता हैं लेकिन भारतीय कप्तान धौनी तो कुछ कर ही नहीं रहे थे। खडे-खडे दर्शकों केे भांति देख रहे थे और भारतीय गेंदबाज अपनी लाय ही भूल गये थे। यही हाल पाक के साथ -साथ आस्टे्रलिया के मैच में भी दिखा। इस ट्राफी में भारत को युवा ब ेबाज और गेंदबाज युवराज सिंह की कमी खली। बीसीसीआई इस टीम को वल्र्ड कप के लिए तैयार कर रही हैं लेकिन यह टीम तो सुपर सि स में भी नहीं पहुंच सकती हैं। भारतीय टीम को अभी और मेहनता करनी हैं तथा अपनी ब ेबाजी और गेंदबाजी में सुधार करनी होगी। नहीं तो उनका भगवान हीं मलिक हैं।

Friday, September 25, 2009

छात्र - छात्राए अब नहीं ढ़क सकेगें चेहरा

गर्मी और धूप से बचने के लिये भी छात्र छात्रायें ही नहीं आज सभी लोग चेहरा ढंक चलने लगे हैं , लेकिन अब स्कूल के छा ा और छा ााओं के लिए ऐसा संभव नहीं होगा , योंेिक वारा ासी के महा मा गांधी काशी विद्यापीठ ने अपने छा ा-छा ााओं पर इसकी पांबदी लगा दी हैं। इस नियम को देश के सभी स्कूल में लागू होना चाहिए। जिससे स्कूल और कॉलेज की छा ाा-छा ााओं के साथ हो रही छेडछाड़ की ाटनाए काम को जाएं अ सर स्कूल और कॉलेजों में बाहरी लड़के चेहरा ढ़कर आते हैं और लड़कियों के साथ ब ामजी करते हैं और वह चला जाता हैं किसी को इस ाटना के बार में जानकारी नहीं मिले पाती की किसने की यह बतमीजी। लड़के कॉलेज के हैं या बाहर के हैँ। इस प्रकार के चेहरे ढ़क कर किसी भी बड़ी बरदात को अजांम दिया जा सकता हैं। इस प्रकार के फैसले पहले भी आए हैं लेकिन किसी ने इन फैसलों का पालन नहीं किया। जब कि ऐसे फेसलों को स्कूल और कॉलेज में कड़ाई के साथ पालन करना चाहिए । जो लड़का या लड़की इन नियमों का पालन नहीं करती उसे उचित दंड दिया जाना चाहिए। छा ा और छा ााओं के दंड के साथ-साथ उनके माता-पिता को भी इसके लिए जानकारी दे । मेरे विचार से यह नियम स्कूल और कॉलेज के साथ-साथ शहरों में लागू होना चाहिए जिससे चोरी ,छेड़छानी,लाटू की ाटनाओं में कमी आएगी। जिससे शहरों से लोग भी सुरक्षित रहेगे।

Monday, September 21, 2009

नवरा िा में मौज-मस्ती के साथ सुरक्षा भी

नवरा िा का पर्व कई मायनों में मह वर्पू ा है। दुनिया का सबसे ल बा चलने वाला यह नृ य महो सव अब गुजरात के बाहर भी अपनी पहचान बना चुका है। लोगों को इस पर्व का उतनी ही बेसब्री से इंतजार किया जाता है, जितनी की पुराने जमाने में औरतें अपने परदेश गए पति का किया करती थी। ब'चे बुढ़े सभी नवरा िा के माहौल में रंगे नजर आने लगे हैं। पर शायद जिनको इस यौहार की मह ाा का सबसे अधिक इंतजार होता हैं युवा वर्ग। यूं तो यह पर्व गुजरात का हैं लेकिन यहपर्व पूरे देश में मनाया जाता हैं। यूं तो गुजराती समाज काफी आधुनिक होता है, तथा युवा लड़कों एवं लड़कियों पर अंकुश कम ही लगाया जाता है, पर नवरा िा के आते आते तो बाकी की सारी वर्जनाएं भी भंग होने लग जाती है। आज कल क ाी भी आप को कॉ डम के खाली पैकट बिखरे हुए मिला जाएगें। नवरा िा के पर्व ख म होने के बाद डॉ टरों की लीनकों में गर्भपात कराने के लिए लड़कियों की भीड़ बढ़ जाती या यू भी कहा सकते हैं कि डॉ टरों की चांदी हो जाती हैं। टाइ स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक आजकल इस सीजन में कॉ डम की बिक्री 50 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। अब तो लड़कियां भी दवाई विके्रताओं की दुकान में जाकर कॉ डम खरीदने पर शर्माना छोड चुकी है, जो ठीक भी है। इस बात से यह सिद्धी होता हैं कि युवा वर्ग में अब जगरुक हो गया हैं । उसे से स संबंधित बीमारी एड्स से बचाने के तरीकों का इस्तेमाल करना आ गया हैं। उनका उद्देश्य भले ही अपने उ पाद की अधिकाधिक बिक्री करना हो पर इससे युवाओं में अपनी सुरक्षा को लेकर समझ तो बढ़ी ही है। सरकार की भी एड्स के प्रति युवाओं का जागरुक करने के लिए बहुत से योजनाएं बनाई हैं इस कार्य के लिए कई स्वयसेवीसंस्थाएं भी हैं जो जोगों को जागरुक करने का काम करती हैं । इन योजनाआं की जरुरत सब से यादा शहरों में होती हैं। इस लिए सरकार युवाओं के मोबइल में एसएमएस के द्वारा भी इस बीमारी से लडऩे के लिए प्रचार करती हैं। इससे सरकार ,आम जनता और दवाई क पनियों को भी फायदा होगा, जिससे देश से यह गंभीर बीमारी का भी जड़ से सफाया हो गाएगा।

Sunday, September 13, 2009

युवा पर भारी पुराने खिलड़ी!

भारतीय टीम की कल ाीलंका के खिलाफ इनती बुरी तरह से हार हुई हैं कि कोई सोच भी नहीं सकता था कि यह वहीं टीम इंडिया जो किसी देश को धूल चटा सकती हैं। हमारे टीम के हालफतामौल खिलाड़ी कहे जाने वाले युवराज सिंह और क तान धोनी ने सभी दर्शकों को निराशा किया तथा धोनी ने युवा टीम की वकालत करते हैं या हुआ इनकी युवा टीम को, या किया उनकी युवा टीम ने । अखिर काम आए उनके पुराने खिलाड़ी सचिन, राहुल । अगर ऐ दोनों ब े बाज नहीं होते तो टीम इंडिया 150 रन भी नहीं बना पती।

Sunday, August 30, 2009

कभी खाया है ऐसा खाना

( jagran ) ब्रिटेन अब ग्लोबल रिसेशन से बाहर आने लगा है। अब अगर यहां की इकॉनमी में सुधार होगा तो लोग महंगे शौक और लग्जीर लाइफ को तो इंज्वाय करेंगे ही, तो ऐसे में ब्रिटेन के दो बड़े बिजनेस ग्रुप ने डाइनिंग टेबल पर लग्जीरियस आइटम पेश किया है। एक खूबसूरत मॉडल के बॉडी पर रखा हुए फूड को खाने का मजा। अब खुद ही सोचिए अगर लोगों को इस तरह से खाना खाने का मौका मिले तो उन्हें तीखा तो लगेगा ही। जी हां, ये तीखापन किसी मिर्ची का नहीं बल्कि खाने को हॉट तरीके से परोसे जाने के अंदाज का है। ये खास अंदाज है ब्रिटेन के न्योतेमोरी नाम के एक डायनिंग स्टाइल का। इसे सुशी नाम के एक आउटफिट ब्रांड ने सुशी नाइट्स में पहली बार इस अंदाज में पेश किया है।
न्योतेमोरी स्टाइल डाइनिंग का कोई नया फंडा नही है। जापान के लिए बहुत पुरानी स्टाइल है। दरअसल, यह जापान में 18वीं शताब्दी के दौरान रईसों के खाने का एक खास अंदाज था। शौकीन लोग अपने लंच या डिनर को और भी अधिक जायकेदार बनाने के लिए इस तरह से खाना खाते थे। वैसे न्योतेमोरी का अर्थ होता है प्रजेंटेशन ऑफ फीमेल बॉडी। इसमें एक खूबसूरत मॉडल को कपड़े उतारकर डाइनिंग टेबल पर लिटा दिया जाता है। उसकी बॉडी को केले के पत्ते से कवर करने के बाद उसमें खाना सर्व किया जाता है। इसके बाद लोग डाइनिंग टेबल के चारो ओर बैठकर या खड़े होकर खाने का मजा लेते हैं। यह सिस्टम इतना फेमस हो गया कि इसे लास्ट इयर इसी अंदाज में एक फिल्म में पेश की गई। फिल्म का नाम है सेक्स एंड द सिटी।
सुशी में एक शाम को खाने के लिए पर परसेंट 250 पौंड देने होते हैं। इसके साथ ही गेस्ट को शेंपेन और शराब बेहिसाब परोसी जाती है। इसके साथ ही खूबसूरत वेट्रेस आपकी सेवा में हरदम मौजूद रहती हैं।